Dakṣiṇa Śāsyaṃ Guruṃ Vande
[B3.1.2] Rāga : Aṭhāṇa, Tāl̤am : Triputa
Pallavi:
dakṣiṇa śāsyaṃ guruṃ vande
Charanam 1:
dakṣiṇa dvaraharaṃ dākṣāyaṇi varam |
ānanda mūrtiṃ svānanda spūrtim |
vaṭamūla vāsaṃ kuṭila nivāsam |
śaśikaṇṭha mauliṃ śaṅkara kel̤im |
Charanam 2:
aruṇā caleśaṃ aruṇa niveśam |
ajñāna haraṇaṃ prajñā vitaraṇam |
sarvātmarūpaṃ śarvaṃ arūpam |
śrī sundareśaṃ bhāsūra mīśam |
Charanam 3:
pustaka pāṇiṃ svastīna pāṇim |
lalāṭa netraṃ lalita kal̤atram |
bhadrācaleśaṃ bhadrādrivāsam |
B3-01-02: Dakṣiṇa Śāsyaṃ Guruṃ Vande (Guru Dhyana)
Composed By: _Unknown in Sanskrit
End
दक्षिण शास्यं गुरुं वन्दे
[ID: B3.1.2] राग : अठाण, ताळम् : त्रिपुत
प : दक्षिण शास्यं गुरुं वन्दे
च1: दक्षिण द्वरहरं दाक्षायणि वरम् |
आनन्द मूर्तिं स्वानन्द स्पूर्तिम् |
वटमूल वासं कुटिल निवासम् | शशिकण्ठ मौलिं शङ्कर केळिम् |
च2: अरुणा चलेशं अरुण निवेशम् | अज्ञान हरणं प्रज्ञा वितरणम् |
सर्वात्मरूपं शर्वं अरूपम् | श्री सुन्दरेशं भासूर मीशम् |
च3: पुस्तक पाणिं स्वस्तीन पाणिम् | ललाट नेत्रं ललित कळत्रम् |
भद्राचलेशं भद्राद्रिवासम् |
[ID: B3.1.2] राग : अठाण, ताळम् : त्रिपुत
प : दक्षिण शास्यं गुरुं वन्दे
च1: दक्षिण द्वरहरं दाक्षायणि वरम् |
आनन्द मूर्तिं स्वानन्द स्पूर्तिम् |
वटमूल वासं कुटिल निवासम् | शशिकण्ठ मौलिं शङ्कर केळिम् |
च2: अरुणा चलेशं अरुण निवेशम् | अज्ञान हरणं प्रज्ञा वितरणम् |
सर्वात्मरूपं शर्वं अरूपम् | श्री सुन्दरेशं भासूर मीशम् |
च3: पुस्तक पाणिं स्वस्तीन पाणिम् | ललाट नेत्रं ललित कळत्रम् |
भद्राचलेशं भद्राद्रिवासम् |
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